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लो क सं घ र्ष !: अफजल गुरु कांग्रेस का दामाद है या भारतीय जनता पार्टी का कृपया चुनाव करें

मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में कांग्रेस में आज कल बहस चल रही है कि अफजल गुरु उनकी पार्टी का दामाद है या मुख्य विपक्षी दल का दामाद हैइसी विषय पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी से लेकर कांग्रेस के छुटभैया नेता तक विभिन्न मामलों को लेकर उसे साले-बहनोई एक दूसरे का बता रहे हैंजैसे अगला संसदीय चुनाव का मुख्य मुद्दा अफजल गुरु या कसाब को दामाद बनाने पर होना हैआज जब देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, शोषण से परेशान है तो दोनों पार्टियां जनता का ध्यान बांटने के लिए अपनी नौटंकी जारी रखे हुए हैंदेश की कुछ हिस्सों में जबरदस्त सूखा है जिससे फसलों की बुवाई तक नहीं हो पा रही है वहीँ दूसरी ओर कुछ हिस्सों में भयंकर बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया हैप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह साम्राज्यवादी शक्तियों के इशारों पर पेट्रोलियम पदार्थों की सभी सब्सिडी वापस लेने के लिए कटिबद्ध हैं जबकि बहुराष्ट्रीय निगमों पूंजीपतियों को अरबों रुपये की सब्सिडी दे रहे हैंओबामा प्रशंसा करे, इस देश की जनता चाहे जिन्दा रहे या मर जाए इससे उनका मतलब नहीं है साम्राज्यवादी शक्तियों की मुख्य पार्टियां कांग्रेस भाजपा ही हैंइस देश के अन्दर जो भी आतंकवाद है उस की मुख्य जड़ अमेरिकन साम्राज्यवाद है

सुमन
लो क सं घ र्ष !

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...