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राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी का रनिवास बन गया राजभवन


नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में तेलंगाना विवाद के बीच प्रदेश के राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी कांग्रेस के गले की हड्डी बन गये हैं. राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी का एक न्यूज चैनल एबीएन आंध्र ज्योति ने स्टिंग आपरेशन किया है जिसमें कथित तौर पर बताया गया है कि 85 वर्षीय तिवारी जी ने तीन स्त्रियों के साथ सहवास किया.

चैनल का दावा है कि ये तीनों स्त्रियां देहरादून से आंध्र प्रदेश के राजभवन लाई गयी थी. राज्यपाल को लड़कियां उपलब्ध करानेवाली महिला को राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी ने आश्वासन दिया था कि अगर वह उन्हें लड़कियां उपलब्ध करवाती है तो वे उसका जो भी काम होगा उसे पूरा कर देंगे. चैनल ने राज्यपाल पर आरोप लगाया है कि न केवल रात में औरतों के साथ सोये बल्कि शराब भी पी और दिन में उन औरतों के साथ मसाज भी करवाया. तिवारी जी के साथ उनके ओएसडी अरविन्द शर्मा के इस सेक्स स्कैण्डल में शामिल होने का आरोप है.

शुक्रवार को सुबह शुरू हुए इस लाइव टेलिकास्ट के बाद हालांकि राज्य के मुख्य सचिव पी श्रीधर राव के हस्तक्षेप के बाद प्रसारण थोड़ी ही देर में बंद हो गया लेकिन जितनी देर प्रसारण हुआ उसने राज्य में नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया. इसके बाद हाइकोर्ट ने चैनल पर इस विडियो के प्रसारण पर रोक लगा दी. (बहरहाल यह स्टिंग आपरेशन की पूरी खबर तेलुगु में यू ट्यूब पर उपलब्ध है.) अब राज्यपाल भवन भी राजनीतिक रूप से कांग्रेस का कमजोर किला बन गया है. इस स्टिंग आपरेशन के बाद भाजपा और माकपा ने राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी को तुरंत राजभवन से वापस बुलाने की मांग की है.

अपने स्टिंग आपरेशन को प्रसारण से रोकने बाद चैनल के एमडी वी राधाकृष्णन का कहना है कि यह स्टिंग आपरेशन पूरी तरह से सही है और इस स्टोरी को पूरा करने में उन्हें दो महीने लगे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने राज्यपाल के एक महिला कांग्रेसी कार्यकर्ता से संबंध होने के बारे में खबर दी थी जिसके बाद एक महिला ने उनसे संपर्क किया और कहा कि वह पक्के तौर पर यह साबित कर सकती है कि तिवारी जी चरित्र के कमजोर व्यक्ति है. इसके बाद ही उस महिला के साथ मिलकर चैनल ने राजभवन में तिवारी जी का यह स्टिंग आपरेशन किया.

यहां एक बात यह भी महत्वपूर्ण है कि आंध्र ज्योति समूह पर तेलगू देशम का नजदीकी चैनल होने का आरोप है और पहले भी वह कांग्रेस पर निशाना साधता रहा है. चैनल के दो पत्रकारों को राजशेखर रेड्डी ने एसटी/एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार करवा दिया था जिसके बाद चैनल ने उनके ऊपर पचास करोड़ का दावा कर दिया था. आंध्र ज्योति का प्रकाशन 1999 में बंद हो गया था लेकिन 2002 में आंध्र ज्योति को उसी अखबार में काम करनेवाले वी राधाकृष्ण ने खरीद लिया था. आंध्र ज्योति का दावा है कि राज्य में उसका पांच लाख से अधिक सर्कुलेशन है.

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