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काहे पहनू लाल चुनारिया..

काहे पहनू लाल चुनारिया॥
काहे करू सिंगार॥
कौने कारण मिलू अकेले॥
कौन बा हमसे काम॥
हंस के पहने लाल चुनारिया॥
मर्जी से करे सिंगार॥
हमका तोअसे प्यार भइल बा॥
बस यही जरूरी काम॥
आवा तोहे अचरा से ओंट कर ली॥

Comments

  1. सिर्फ कुछ ही shabdon में ही इतना कुछ कह दिया
    rachana dixit

    ReplyDelete
  2. rachanaa ji kisi kaa hame saath nahi milaa nahi to aur kuchh likhataa...

    ReplyDelete

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

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