देवताओ को घर में बसा लीजिये । भारती मान को भी बचा लीजिये । ऐ पुरूष चाहते हो कि कल्याण हो - बेटियाँ देवियाँ है , दुवा लीजिये । । माँ , बहन , संगिनी , मीत है बेटियाँ दिव्यती , धारती , प्रीत है बेटियाँ । देव अराध्य की वंदनाएं है ये - है ऋचा , मन्त्र है , गीत है बेटियाँ ॥ जग की आशक्ति का द्वार है बेटियाँ । मानवी गति का विस्तार है बेटियाँ । जग कलुष नासती , मुक्ति का सार है - शक्ति है शान्ति है , प्यार है बेटियाँ ॥ डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ' राही '