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Showing posts from October 19, 2009

लो क सं घ र्ष !: चीनी कड़वी क्यूँ ?

उत्तर प्रदेश में सरकारी, सहकारी चीनी मिलें धीरे-धीरे बंद हो गई है । एन.डी.ए सरकार में उदारीकरण और निजीकरण का जो दौर चला जिसके चलते सार्वजानिक क्षेत्र को बीमार घोषित कर समाप्त करने का कार्यक्रम शुरू हुआ । एन.डी.ए सरकार के मंत्रिमंडल में सार्वजानिक क्षेत्र को समाप्त करने के लिए विनिवेश मंत्री भी नियुक्त किया गया था । उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों के कारण प्रदेश की अधिकांश चीनी मिलें बंद कर दी गई । अधिकांश चीनी मिलें निजी क्षेत्र की है और कुछ चीनी मीलों के मालिकान प्रसिद्ध प्रिंट मीडिया के समूहों के मालिकान है । प्रिंट मीडिया समूहों के समाचारपत्र उपदेश देने की भूमिका में रहते है और सरकार की नीतियों को प्रभावित भी करते है । बड़े-बड़े घोटालो का पर्दाफाश भी करते रहते है । चुनाव के समय खुलकर किसी न किसी दल की तरफ़ से हिस्सा भी लेते है किंतु जब इन मीडिया समूहों के मालिकान चीनी मीलों के मालिकान की भूमिका में होते है तो गन्ना किसानो का रुपया कई-कई साल तक नही देते है और इनके कांटें घटतौली करते है । एक गाड़ी में अगर गन्ना 20 कुंतल है तो इनका कांता तौलकर 15 कुंतल ह

आनंद मय था यह दीप का दिन॥

हमने भी दीपकों की लव में थोडा उजाला देखा॥ उस उजाले में अपने पडोसियों की शान्ति और मधुर वाणी सूना॥ उस उजाले में मई भी अपनी कल्पनाओं की खुसिया देखा॥ बहुत ही शांत और उल्लाश भरा था वह दिन॥ कोई किसी को अपशव्द नही बोला॥ बहुत ही आनंद मय था यह दीप का दिन॥

लो क सं घ र्ष !: अनूप जी हमारा तुम्हारा कफ़न बेच देंगे

अनूप मंडल जी , आप ने सही बात उठाई है , हिंदुत्व वादी शक्तियां यदि किसी का पुतला जलने की ख़बर सुन ले तो उसका घर फूँक देंगी उसको जिन्दा जला देंगी , ये हिन्दुत्वादी शक्तियों का एकाधिकार है । जिसमें इन अराध्य देवो क मानने वालो का कोई बस नही है । हिन्दुत्वादी शक्तियों ने सभी देवी देवताओं को ब्रांड़ के रूप में तब्दील कर दिया है , बीडी से लेकर सभी चीजो पर , देवी देवताओं के चित्र बना कर व्यापार कर रहे है । इनके राजनीतिक लोग मर्यादा पुरषोत्तम राम को राजनीति का ब्रांड बनाये हुए है , दुर्गा जी को ब्रांड बनाये हुए है और बाबरी मस्जिद ध्वंश करके इन लोगो ने मर्यादा पुरषोत्तम राम को अपमानित किया है , पुन : वनवास दिया है । आपके शब्दों में यह राक्षस है , दुष्ट है । पहले यह ब्रिटिश साम्राज्यवाद से पोषित होते थे और अब अमेरिकन साम्राज्यवाद से इनके तनखैया पत्रकार आए दिन अमेरिका की प्रशंसा में गीत गाते नजर आते है। आपने हमसे पूछा है कि इनके ख़िला