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Showing posts from January 14, 2011

लो क सं घ र्ष !: स्वाभिमान टाइम्स और डेली न्यूज़ में परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण -२०१० की चर्चा

लोकसंघर्ष पर पुनर्प्रकाशित परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण-२०१० की चर्चा स्वाभिमान टाईम्स ( 9 जनवरी 2011 को स्वाभिमान टाईम्स के नियमित स्तंभ ‘अन्तर्जाल’ ) में ..... 2 जनवरी 2011 को जयपुर से प्रकाशित डेली न्यूज़ में परिकल्पना-अमरेन्द्र प्रकरण सहित पिछले वर्ष की हिन्दी ब्लॉगिंग का जायजा लेता सुश्री प्रतिभा कुशवाहा का आलेख.......

उलझन: शादी के बाद घर आते ही बहू को होने लगीं उल्टियां

उलझन कही भी हो सकती है किसी को भी हो सकती है यहाँ हम बांटते है अपनों की उलझन अपनों के साथ,यहाँ पर प्रस्तुत है एक उलझन और उसके चुनिन्दा कुछ सुझाव अगर आपको लगता है की कोई और भी सुझाव है जो इस उलझन को मिटाने में कारगार है तो कमेंट्स बॉक्स में अपना सुझाव रखें.. शादी के बाद घर आते ही बहू को उल्टियां होने लगीं। दो महीने बाद डॉक्टर ने बताया कि वह गर्भवती है। सोनोग्राफी हुई तो पता चला कि गर्भ में तीन महीने का बच्चा है। शादी को दो ही महीने हुए और तीन महीने का बच्चा! इस बारे में बहू से पूछा तो उसने बताया कि वह बच्चा उसके मौसाजी का है। बहू रोकर कहने लगी कि मैं आत्महत्या कर लूंगी। मैंने उसे समझाया कि मैं उसका साथ दूंगी। मौसा को बुलाकर बात की, तो उसने बच्चे का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली। कुछ समय बाद बहू ने एक बेटी को जन्म दिया। बच्चे के होने के बाद मौसा कभी-कभी कुछ रुपए दे जाता था। अब उससे पैसे मांगो तो वह आत्महत्या करने की धमकी देता है। मेरी आर्थिक स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं है कि मैं किसी का भला कर पाऊं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूं? सराहनीय सुझाव : आशा नय्यर कपूरथला, पंजाब आपक