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पत्रकारों की मदद चाहिए !

मेरे एक मित्र ''धीरेन्द्र जी'' मुंबई पर हुए हमले को शब्दों में सजा रहे अर्थात बह मुंबई हमले पर एक उपन्यास लिखने जा रहे है! इसके लिए उन्हें ऐसे पत्रकार या अन्य लोगों की आवश्यकता है जिन्होंने इस हमले को अपनी आँखों से देखा हो और बह इस विषय को जीवंत कर सकता हो यदि ऐसे पत्रकार या जागरूक नागरिक हमारे सामने आते है तो हमें ख़ुशी होगी !आप धीरेन्द्र जी से इस 9993724479 नंबर पर संपर्क कर सकते है आगे पढ़ें के आगे यहाँ

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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा