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यहाँ तिरंगा जलाओ,पाकिस्तानी झंडा लहराओ,आज़ादी है।

हिंदुस्तान में एक पाकिस्तानी खिलाडियों को पसंद करने की आज़ादी है बिना किसी ख़ौफ़ के,बिना किसी रोकटोक के। हिंदुस्तान और पाकिस्तान के मैच के वक़्त आप हिंदुस्तान के एक बड़े हिस्से को पाकिस्तान समर्थक के रूप में महसूस कर सकते है। ये सब होता है खेल प्रेम और अभिव्यक्ति की आज़ादी । यहाँ हिंदुस्तान में पाकिस्तान का झंडा लहराने या तिरंगा जलाने पर भी कोई सख्त कार्यवाही नही होती। अब जरा सोचिये जो पाकिस्तान में हुआ विराट कोहली के एक फैन को दस साल की सजा दी जानी है । अगर वो हिंदुस्तान में होता तो यहाँ के ढोंगी बुद्धिजीवी और चापलूस लेखक सीना ठोक ठोक कर मर जाते या सड़को पर कपडे फाड़कर सरकार को गालियां बकते।कहते देश में असहनशीलता बढ़ रही है,और अवार्ड वापसी गैंग तो इतने अवार्ड लौटाने लगती है जितने कांग्रेस ने उनको कभी दिए भी नही। खैर छोड़िये..

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा