मेरी कविताओं का संग्रह: माँ कुछ दिन तू और न जाती,: माँ! कुछ दिन माँ! कुछ दिन तू और न जाती, मैं ही नहीं बहू भी कहती, कहते सारे पोते नाती, माँ! कुछ दिन तू और न जाती। रोज़ सबेरे मुझे जगाना,...
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--- संजय सेन सागर