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चिंता का बिषय ....

उत्तर प्रदेश में ख़ास कर प्राइमरी की हालत॥
प्रताप गढ़,सुल्तानपुर,रायबरेली.जौनपुर.कौसम्बी,सोनभद्र,फैजाबाद,इलाहबाद, और भी पिछड़े और दिहाती इलाको में शिक्षा की स्थिति बड़ी ही दयनीय है॥ यहाँ पर पढ़ाने वाले अध्यापिकाए सब अपनी बातो में समय गवाते है । अपना दुःख दर्द सुनाते है बच्चे घुमाते रहते है। और मास्टर साहब गप्पे मारते है ॥ क्या होगा हमारे बच्चो का भविष्य कैसे पढेगे बच्चे॥ क्या होगा॥ हमारे॥ देश के बच्चो का क्या सरकार॥ कुछ कर नहीं सकती इन गप्पे बाजो पर कब लगाम लगेगा। कई मास्टर तो स्कूल ही नहीं जाते अपने काम से रहते है अपनी जगह दूसरो को पढ़ाने भेजते है उन्हें केवल १५००। से ३००० के बीच में तानुख्वाह देते है ॥

Comments

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति , सार्थक, आभार.


    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें.

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा