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लो क सं घ र्ष !: उत्तर प्रदेश एस.टी.एफ की पोल खुली: फर्जी फंसाए गए कश्मीरी नवजवान सज्जादुर रहमान आरोप मुक्त


उत्तर प्रदेश में कचेहरी बम ब्लास्ट केस में उत्तर प्रदेश पुलिस एस.टी.ऍफ़ ने पांच नवजवानों को फर्जी तरीके से पकड़ कर्र बंद कर दिया थाजिसमें तारिक काशमी आजमगढ़, खालिद मुजाहिद जौनपुर २२ दिसम्बर 2007, सज्जादुर रहमान मोहम्मद अख्तर को 27 दिसम्बर 2007 से जम्मू एंड कश्मीर से आफताब आलम अंसारी को 28 दिसम्बर 2007 को कलकत्ता से पकड़ कर कचेहरी बम विस्फोट कांड को हल करने का दावा किया था16 जनवरी 2007 को आफ़ताब आलम अंसारी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण अंतर्गत धारा 169 सी.आर.पी.सी के तहत दोषमुक्त कर दिया गया थाइस वाद का विचारण माननीय विशेष न्यायधीश श्री शशांक शेखर (एस.सी/एस.टी ) के नयायालय में हो रहा थाबचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री मोहम्मद शुऐब ने आरोप पर कई बार बहस की जिस पर न्यायालय श्रीमान ने श्री चिरंजीव नाथ सिन्हा एस.टी.एफ तथा राजेश श्रीवास्तव .टी.एस को तलब कर कई सवाल पूछे जिसका संतोष जनक उत्तर उक्त पुलिस अधिकारी नहीं दे पाएजिस पर माननीय न्यायालय ने कश्मीरी नवजवान सज्जादुर रहमान को आरोप मुक्त कर दिया और अन्य तीन अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय करने के लिये 28 अप्रैल की तिथि निर्धारित कर दी
बचाव पक्ष के अधिवक्ता मोहम्मद शुऐब ने बताया कि केस डायरी में कुछ काल डिटेल्स अभियोजन अधिकारियों ने दिए हैं उस मोबाइल फ़ोन को तारिक के घर से बरामद बताया गया था किन्तु 22 दिसम्बर 2007 को तारिक की गिरफ्तारी सुबह सात बजे रेलवे स्टेशन से बताई गयी मोबाइल सील करना बतायाकिन्तु उसी मोबाइल से 11:49 बजे दिन में अभियुक्तों से बात करना भी बताया गयाजिससे यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस, एस.टी.एफ .टी.एस ने प्रदेश में बम विस्फोट कांड को खोलने के लिये फर्जी मुस्लिम नवजवानों को पकड़ कर बंद कर दिया गया था


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