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हमारी अन्‍जुमन

विश्व का प्रथम इस्लाम-धर्म का सामुदायिक चिट्ठा, हिन्‍दी में.

हमारी अन्‍जुमन

संस्थापक की कलम से


हमारीअन्जुमन.कॉम (www.hamarianjuman.com), लखनऊ, भारत की एक ग़ैर-मुनाफ़ा वेबसाइट है. इसकी स्थापना 07.07.2009 को की गयी थी. यहदुनियाँ की सबसे पहली हिन्दी भाषा में सामूहिक इस्लामिक वेबसाइट/ब्लॉग है जो भारत में दीन-ए-इस्लाम के अनुयायियों में इल्म को बढ़ावा देने और इस्लाम के पैग़ाम के ज़रिये आपस में मित्रता क़ायम करने इस्लाम के खिलाफ़ फैलाए जा रहे झूठे प्रॉपगेंडों को समाप्त करने के उद्देश्य हेतु प्रयासरत है. दावते-इस्लाम और इस्लाम के वास्तविक स्वरुप और सोच को समाज के जन-जन तक पहुँचाने के लिए हमारीअन्जुमन.कॉम (www.hamarianjuman.com) जिसके तहत शीघ्र ही एक मासिक पत्रिका 'हमारी अन्जुमन' नाम से प्रकाशित की जायेगी. वहीँ इस्लाम के बारे में ग़ैर मुस्लिम में फैली ग़लतफ़हमियों और मुस्लिम में इस्लाम की कम जानकारी को बढ़ाने के नज़रिए से भी हमारीअन्जुमन.कॉम प्रयासरत है.

अगर आप भी इसमें शामिल होना चाहते है तो आपका स्वागत है. आप अपनी रचना/सुझाव administrator@hamarianjuman.com पर भेज सकते हैं.

- सलीम ख़ान
संस्थापक

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा