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सर्दी का उपहार



सर्दी कि जब बात हो ,
              परिवार का भी साथ हो !
नई नवेली दुल्हन कि ,
               घर मै जब पुकार हो !
मूंगफली कि आवाज़  हो ,
              गुडपट्टी का भी साथ हो !
और एसे मै फिर ..............
              लोहड़ी कि ही न बात हो !
इस बार तो फिर ...........
       लहलहाती फसलों कि ही सोगात  हो !
हर किसान के चहरे पर 
              बल्ले -बल्ले कि ही आवाज़ हो !
हर घर के आँगन मै ...........
              ढोल - नगाड़ों का ही साथ हो !
तो हो जाये एक बार ...............
             सुन्दर  - मुंदरिये हो ........
             तेरा कोंन बेचारा रे .............
            दूल्हा भट्टी  वाला हो ..............
            दुल्हे दी धी व्याही हो .........
             सेर शक्कर पाई हो !   
आप सबको लोहड़ी  कि शुभकामनायें ! 

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

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