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फुल मुस्कुरा रहा हे .....

यह फुल
जो तेरे
नाज़ुक
खुबसूरत से हाथों में
मुस्कुरा रहा हे
अपनी
इस खुशनुमा
किस्मत पर
इतरा रहा हे
इसे मेने
थोड़ी देर पहले
नीचे
जमीन पर
उदास
पढ़ा हुआ
आंसू बहाते भी
देखा हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Comments

  1. बहुत सहज और सुन्दर अभिव्यक्ति। बधाई।

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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