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दोस्तों के साथ मस्ती के कुछ पल

कल जबलपुर की यात्रा से लौटा हूँ तो कुछ मजे के पल तस्वीरों में कैद है दिल किया की इन्हें दोस्तों के साथ बाँट लूं तो दोस्तों आपके सामने कुछ तस्वीरें है ,उम्मीद है कुछ लोगों को पसंद ना भी आये,फिर भी हम तो यही कहेंगे...जय हिन्दुस्तान-जय यंगिस्तान   





















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--- संजय सेन सागर

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा