Skip to main content

नोजवान



जुडो तो हरदम उससे जो हर बात से अनजान हो !
  उसको गड़ दो येसे जो देश के हित में नाम हो !
    हो सकता है वो इंसा कुच्छ पल को बहक गया हो !
    हमारी छोटी भूल से उसकी सारी  जिंदगी न बर्बाद हो !
    उसकी गलती तो उसको बाद में सबक सिखाएगी !
    हमसे हुई बेरुखी से  तो उनकी जान पे बन जाएगी !
    विनती है इसलिए युवावर्ग को उस हाल में ना जाने दो !
   हर पल इनको प्यार दो , एहसास दो और  समान दो !
   कोई बाहरी शक्ति इनका दुरपयोग न कर पायेगी !
   इनकी तरफ बड़ने से पहले ही थर -थर थराएगी !
    मुझको तो  इस युवावर्ग पर बहुत ज्यादा  विश्वास है !
    लगता है जेसे ये सब ही सुख देव, भगत और सरदार हैं !

Comments

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा