
कितनी प्यारी कितनी मोहक
छूने भर से खो दे रोनक
खुशबु से जग को महकाए
भवरों का भी मन ललचाये
इंसा के मन को ये भाये
दुल्हन को भी खूब सजाये
भगवान के चरणों मै शीश नवाए
हर मोसम मै फिर खिल जाये
अपने रंगों से जग को महकाए
सारे जग मै प्यार फैलाये
हर घर - घर की है ये शान
सब करते हैं इसका मान
कितनी प्यारी कितनी मोहक
छूने भर से खो दे रोनक !
हर घर - घर की है ये शान
ReplyDeleteसब करते हैं इसका मान
कितनी प्यारी कितनी मोहक
छूने भर से खो दे रोनक
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
वह इतनी जल्दी जवाब देख कर मुझे बहुत ख़ुशी हुई धन्यवाद दोस्त !
ReplyDeletebahut hi sundar.
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