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नमस्‍कार , आवश्‍यक आग्रह



  नमस्‍कार

हमारे संस्‍कृतपरिवार में श्री भूपेन्‍द्र जी ज्‍योतिषविषय के लेखक के रूप में जुड चुके हैं तथा इन्‍होनें अपना पहला लेख भी प्रस्‍तुत कर दिया है ।
मैं आप सब से अनुरोध करता हूँ कि उनके स्‍वागत में कम से कम एक टिप्‍पणी जरूर दें ।
उनके द्वारा प्रस्‍तुत प्रथम लेख

ज्योतिष-शास्त्रम्  पर कम से कम एक टिप्‍पणी जरूर करें ।

संस्‍कृते के प्रसार में उनका उत्‍साह वर्धन करें ।
धन्‍यवाद

भवदीय:- आनन्‍द:

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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा