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संस्‍कतम्-भारतस्‍य जीवनम् पर अमित जी का स्‍वागत करें ।।


प्रिय बन्‍धु 
आपके अपने संस्‍कृत ब्‍लाग , संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् पर अमित जी ने अपना पहला लेख भारत माता की वंदना के रूप में प्रस्‍तुत किया है ।

पुण्यमयी मम भारतमाता

टिप्‍पणियों से स्‍वागत करें ।

शारदा जी ने मेघदूत के श्‍लोकों की प्रस्‍तुति आरम्‍भ की है ा

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भवदीय: - आनन्‍द:

Comments

  1. bhart mata vandan prayash ateev prasnsaa yogaym asti . mm hradasya abhinandnam sweekur.

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा