नहीं रह सकता
ईर्ष्या,
छल,छद्म,
कपट,धोखा,
अहम्, जिद
स्वार्थ,
रहते जहां,
चलती
घातें-प्रतिघातें
नहीं रह सकता जिन्दा
प्रेम वहां.
ईर्ष्या,
छल,छद्म,
कपट,धोखा,
अहम्, जिद
स्वार्थ,
रहते जहां,
चलती
घातें-प्रतिघातें
नहीं रह सकता जिन्दा
प्रेम वहां.
सच ही कहा है
ReplyDelete