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हे रूप वती इठलाओ नहीं ॥


हे रूप वती इठलाओ नहीं ॥

यौवन के गर्दे झड जायेगे॥

दो साल के अन्दर ३ बच्चे॥

मम्मी मम्मी बुलायेगे॥


जो आँख पे कजली चमक रही है॥

तब ये सूखी पड़ जायेगी॥

ये खिलती मुस्कान तुम्हारी॥

बिलकुल माध्यम पड़ जायेगी॥

अभी जो अंकुर फूट रहे है॥

बाद में तुम्हे सतायेगे॥

हे रूप वती इठलाओ नहीं ॥
यौवन के गर्दे झड जायेगे॥


जो कमर लचाका खात तुम्हारी॥

काले केश लहराते है॥

गालो पर जो काला तिल है॥

सुन्दरता तेरी बताते है॥

दो साल का अंतर बाकी है॥

बिलकुल ये ढीले पड़ जायेगे॥

हे रूप वती इठलाओ नहीं ॥
यौवन के गर्दे झड जायेगे॥


जो मुस्कान गिराती मोती है॥

मधु घोलती बोली है॥

अचरज भरी जवानी है॥

यही तेरी कहानी है॥

थोड़ा सा तुम गम खा लो॥

मौसम खुद तुम्हे बतायेगे॥

हे रूप वती इठलाओ नहीं ॥
यौवन के गर्दे झड जायेगे॥

Comments

  1. अब आपके बीच आ चूका है ब्लॉग जगत का नया अवतार www.apnivani.com
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    धनयवाद ...
    आप की अपनी www.apnivani.com टीम

    ReplyDelete
  2. ---पर असली सुन्दरता तो ३१ के बाद ही आती है ।

    ReplyDelete

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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