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हमारे समय पर मजाकिया नजर है ‘पीपली लाइव’


abraham hindiwala
पीपली लाइव एक काल्‍पनिक कहानी है दो भाइयों की, जो किसान हैं। फिल्‍म की शुरुआत में कर्ज न चुकाने की वजह से वे अपनी जमीन खोने वाले हैं। इसी दौरान उन्‍हें पता चलता है एक सरकारी योजना के बारे में, जो कहती है कि जो किसान कर्जे की वजह से आत्‍महत्‍या करता है, उसके परिवार को एक लाख रुपये दिये जाएंगे। यह सुन कर बड़ा भाई छोटे भाई को मनाता है कि वह आत्‍महत्‍या कर ले ताकि परिवार को एक लाख रुपये मिल जाएं। बड़ा भाई थोड़ा तेज है। छोटा भोला है, तो उस वक्‍त तो वह मान जाता है। उस समय इन दोनों को बिल्‍कुल अंदाजा नहीं है कि जो कदम वे उठाने जा रहे हैं, उससे उस गांव में क्‍या होने वाला है। यह फिल्‍म एक मजाकिया नजर है, हमारी सोसायटी पर, हमारे समाज पर, हमारे एस्‍टैबलिशमेंट पर, मीडिया या सिविल सोसायटी पर… यह मजाकिया नजर है हम सब पर… जिसमें एक चीज कहां से शुरू होती है और कहां तक पहुंचती है। हालांकि यह एक मजाकिया नजर है… यह फिल्‍म कुछ अहम चीज बता रही है… हमारे समाज के बारे में… हमारे देश के बारे में…
आमिर खान
मोहल्‍ला पर पिछले दिनों फिल्‍मों में आ रहे किरदारों और विषयों पर लंबी बहस चली। यह फिल्‍म सुकून देती है और उम्‍मीद जगाती है कि अभी सब कुछ खत्‍म नहीं हुआ है। अनुषा रिजवी की पहल और आमिर खान के समर्थन से हम एक ऐसी फिल्‍म देखेंगे, जो मुंबइया परिदृश्‍य से विलुप्‍त हो रहा है।
इस फिल्‍म में ढेर सारे अपरिचित कलाकार हैं। रघुवीर यादव को आप पहचान रहे होंगे। उन्‍होंने बड़े भाई बुधिया का किरदार निभाया है और महंगाई डायन गीत में उन्‍हीं का मुख्‍य स्‍वर है।
बाकी कलाकारों और किरदारों को भी जान लें…
ओमकार दास माणिकपुरी नत्‍था
फारूख जाफर अम्‍मा
शालिनी वत्‍सा धनिया
नवाजुद्दीन सिद्दिकी राकेश्‍ा
विशाल शर्मा
मलाइका शिनॉय नंदिता मल्लिक
सीताराम पांचाल भाई ठाकुर
जुगल किशोर सीएम
♦ अब्राहम हिंदीवाला
www.mohallalive.com

Comments

  1. अभी तो इसका गीत सुनकर मगन हैं..मेरे सईंया बहुत ही कमात हैं...

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  2. आशा है पीपली में छत्‍तीसगढ़ akaltara.blogspot.com पर देखना आपको रोचक लगेगा.

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा