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मै दुल्हन तुझे बनाऊगा..

मै तेरा चाहने वाला हूँ..दुल्हा बनके आऊगा॥
सज धज के तू लगे गी सुन्दर दुल्हन तुझे बनाऊगा॥
गाजे होगे बाजे होगे॥ लोग दिखायेगे नाच॥
हमको तुमपर तुमको हमपर हगा दोनों को नाज़॥
खुशियों के मंडप में बैठे बैठे मै भी तुम्हे हसऊगा॥
सज धज के तू लगे गी सुन्दर दुल्हन तुझे बनाऊगा॥
बँगला होगा गाडी होगी सुन्दर सुन्दर क्यारी होगी॥
मै कभी कभी तुमको सपनों की बात बताऊगा॥
सज धज के तू लगे गी सुन्दर दुल्हन तुझे बनाऊगा॥
बच्चे होगे अच्छे होगे मम्मी मम्मी चिल्लायेगे॥
प्यारे पापा बैठ खात पर बच्चो से बतियायेगे॥
मै भी तेरे साथ रहूगा आँगन में फूल खिलाऊगा॥

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा