Skip to main content

मै पहरेदार हूँ भारत का॥


मै पहरेदार हूँ भारत का॥

भारत की अलख जगाता हूँ...

भारत माँ की धुल को॥

माथे पे तिलक लगाता हूँ॥

मै चौकस रहता मौके पर॥

खड़े खड़े लहराता हूँ॥

भारत का रहने वाला हूँ॥

भारत की अलख जगाता हूँ॥

दुश्मन की करतूतों को॥

कामयाब होने नहीं देता॥

आन मान को ध्यान में रख कर॥

उनका काम ख़तम कर देता॥

मै नए नए जवानो में॥

नया जोश भरवाता हूँ।

भारत का रहने वाला हूँ,

भारत की अलख जगाता हूँ...

परवाह नहीं करा तन की ॥

काल से भी लद जाता हूँ॥

कदम नहीं पीछे हटते है॥

मै उनकी ढोल बजाता हूँ॥

Comments

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा