

चिड़िया दीदी चू चू करके॥
पास हमारे आती है॥
होत भिनौखा पास बैठ कर॥
मुझको रोज़ जगाती है॥
उठ जाता हूँ बोली सुन कर॥
मुझको प्यारी लगती है॥
बड़े लोग जब पास बुलाते ॥
उनसे दूर फुदकती है॥
कभी कभी वह मुह बिचका के॥
मुझको बहुत चिढाती है॥
प्रतिदिन मेरे आँगन में॥
दाना चुगने आती है॥
जब मै रूठ के रोने लगता॥
मुझको चुप कराती है॥
मै जब हंसता फुदक फुदक के॥
मुझसे खूब बतलाती है॥
nice
ReplyDeletethank you madhav ji,,,,,,
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