Skip to main content

पड़ोस की लड़की..


मुझको चिंता है तेरी क्यों घर पर आती हो॥

मम्मी पापा के सामने घंटो बतलाती हो॥

गर भनक लगी दोनों की घंटी बज जायेगी॥

तेरे लिए दूल्हो की मण्डी सज जायेगी॥

क्यों दुहारिया खिड़की से हमें चिढाती हो॥

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

जब होगी तुम्हारी शादी हम आंसू बहाएगे॥

कभी कभी सपनों में तेरे आयेगे॥

क्यों संझालौका भीतरे म हमें बुलाती हो॥

फिर बुरा समय आयेगा दुल्हन हम पायेगे॥

तेरी गुण की गाथा उसे सुनायेगे॥

मेरे मन की माला क्यों गले सजाती हो॥


पड़ोस की लड़की:::::::::::::::
pados की लड़की

Comments

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा