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लो क सं घ र्ष !: ब्लॉग उत्सव 2010

सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं,

सादर प्रणाम,


जब तक 1000 पोस्ट लिख ली जाए, किसी ब्लॉगर को सफलता असफलता के बारे में सोचना नहीं चाहिए. रवि रतलामी

अंतरजाल पर कविता की दुनिया कविता का बाजार :अरविन्द श्रीवास्तव

डॉ॰ कविता वाचक्नवी की दो कविताएं

हिमांशु की तीन कविताएँ

आकांक्षा यादव की दो कविताएँ

शहरोज़ का आलेख :पानी में जहर

बाल विज्ञान कथा- बड़बडिया

हमें गर्व है हिंदी के इस प्रहरी

http://shabd.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_21.html


utsav.parikalpnaa.com

अंतरजाल पर परिकल्पना के श्री रविन्द्र प्रभात द्वारा आयोजित ब्लॉग उत्सव 2010 लिंक आप लोगों की सेवा में प्रेषित हैं।

-सुमन
loksangharsha.blogspot.com

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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा