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बड़े देदर्द हो मिया॥

लड़की: बड़े देदर्द हो मिया॥
हमें फुद्दू बनाते हो॥
खुद छत पे आते हो॥
हमें आँखे दिखाते हो॥
सही है मै भी जाना अपना॥
प्यार की डोर जो बाँधी॥
मै बनू नैया तुम्हारी॥
तुम बनो हमारे मांझी॥
नैनो की ललक यारा॥
नाहक दिखाते हो॥
सोचो जो सही सोचो॥
तुम मेरे सतयुग के साथी॥
मै करू पूजा तुम्हारी॥
फिर बनू चरणों की दासी॥
हँसे गा देखकर मौसम॥
क्यों मेरा मन दुखाते हो॥

Comments

  1. "मै बनू नैया तुम्हारी॥
    तुम बनो हमारे मांझी॥ "

    "satyug ka pyar" aaj kal aisi bhawanaye kam hi dekhne ko milti hai.
    Bahut hi pyari rachan hai- BADE BEDARD HO MIYA.

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

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