हमको उनसे भी कोइ शिकायत नहीं॥
जिसने दिल को मेरे तोड़ के रख दिया॥
दिल हमने दिया ये खता थी मेरी॥
मेरे जीवन के खुशियों में गम भर दिया॥
याद करते है अब याद आयेगे कल॥
मेरी हालत को देख मुस्कराए गे वे॥
कंचन बगिया को मेरी जो गर्द कर दिया॥
जिसने दिल को मेरे तोड़ के रख दिया॥
दिल हमने दिया ये खता थी मेरी॥
मेरे जीवन के खुशियों में गम भर दिया॥
याद करते है अब याद आयेगे कल॥
मेरी हालत को देख मुस्कराए गे वे॥
कंचन बगिया को मेरी जो गर्द कर दिया॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर