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हिन्दुस्तान का दर्द के २००० पोस्टों का जश्न


मुझे यह बताते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है की हिन्दुस्तान का दर्द के आज एक पोस्ट के साथ २००० पोस्टों का काफिला पूरा हो चूका है जिसके लिए संजय सेन सागर जी को हार्दिक बधाई साथ ही साथ हिन्दुस्तान का दर्द के सभी लेखों और पाठकों को भी हार्दिक बधाई ,यह मंच इसी तरह प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है इसी शुभकामना के साथ..........



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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा