मुहब्बत कबाब है॥
खाना पसंद करते है॥
यार जब बिछुड़ता है॥
हर पल आंसू गिरते है॥
खो जाती है लालिमा॥
चेहरा मुरझा जाता है॥
महकते उपवन में ॥
अन्धेरा नज़र आता है॥
किसी किसी के मुकद्दर में॥
फिर से कमल खिलते है॥
खाना पसंद करते है॥
यार जब बिछुड़ता है॥
हर पल आंसू गिरते है॥
खो जाती है लालिमा॥
चेहरा मुरझा जाता है॥
महकते उपवन में ॥
अन्धेरा नज़र आता है॥
किसी किसी के मुकद्दर में॥
फिर से कमल खिलते है॥
बहुत खूब,आनद आया
ReplyDeletethankyour sir,,,,,,
ReplyDeleteमुहब्बत कबाब है ये तो सही है पर उसी रेसिपी कहाँ है
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