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ब्लैक न्यू इयर मुबारक हो


''हिन्दुस्तान का दर्द'' देश में बढ़ रही अपराधिक गतिविधियों,छात्रों के द्वारा की जा रही आत्महत्याओं एवं देश में बढ रही आतंकबादी हरकतों का विरोध करता है..
हिन्दुस्तान का दर्द का यह विरोध दिखाई देगा उसके रंग एवं शब्दों की आग से....
तो देश के खुदगर्ज नेताओं एवं नागरिकों को यह ''ब्लैक न्यू इयर '' मुबारक हो....

संजय सेन सागर
संपादक


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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा