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सोशल नेटवर्किंग साइटों के तेजी से बढ़ते उपयोग से समाज को खतरा है ?

यंगिस्तान मीडिया प्रा.लि.द्वारा प्रकाशित पत्रिका ''heartbeat'' के कालम ''आमने-सामने''के अंतर्गत निम्न विषय पर आप अपनी राय भेंज सकते है.हम किन्ही दो चुनिन्दा राय को पत्रिका में स्थान देंगे.
आप अपनी राय 200 शब्दों में अपनी रंगीन फोटो सहित heartbeat.magzine@gmail.com पर भेजें..

यह रहा आपका सवाल-
सोशल नेटवर्किंग साइटों के तेजी से बढ़ते उपयोग से समाज को खतरा है ?


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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा