करते है बंदना हम॥
तुम दीप बनके दमको॥
करते है साधना हम॥
तुम फूल बन गामको॥
खुशिया हँसे तुम्हारी॥
तुम चाँद बन चमको॥
छूटे रहो शिखर को॥
तुम ज्ञान लेके निकलो॥
यही दुआ मेरी है ...
तुम महान बन के ॥
निकलो॥
तुम दीप बनके दमको॥
करते है साधना हम॥
तुम फूल बन गामको॥
खुशिया हँसे तुम्हारी॥
तुम चाँद बन चमको॥
छूटे रहो शिखर को॥
तुम ज्ञान लेके निकलो॥
यही दुआ मेरी है ...
तुम महान बन के ॥
निकलो॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर