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दिवाली की शुभ कामनाये:

दीप जलाओ दीप जलाओ॥
अन्धकार को दूर भगाओ॥
खुशियों से आँगन महके गा॥
प्रेम प्रसन्नता से दिल चहके गा॥
पूर्ण अधूरे होगे काम॥
शांत पूर्वक करे आराम॥
दीपो का पर्व है दीप जलाओ॥
अन्धकार को दूर भगाओ॥

दिवाली की शुभ कामनाये:

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा