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मेरा दिलदार न मिला॥

दिल्ली में हुयी दिल्लगी॥
दिलदार भी मिला॥
ख्वाबो में खोये रहते॥
थोडा प्यार भी मिला॥
कुछ दिनों के बाद ॥
तूफ़ान भी आ गया॥
वह नही था नसीब में॥
उड़ के कही गिरा॥
बीती बातो को याद करके॥
हम आंसुओ को पी रहे है॥
शायद वह वापस आए॥
आंशाओ में जी रहे है॥
न है कोई शिकायत ॥
न है कोई गिला॥
मुझे बड़ा अफशोस है॥
मेरा दिलदार न मिला॥

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गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा