एक अजनबी का प्यार ॥
हमें लूटा बहार बन के॥
अब आती है याद उसकी॥
चुभता कतार बन के॥
वह नाम न बताया॥
पचान न बताया॥
आँखों में मेरे समाया॥
कुछ मैंने न समझाया ॥
खो गया कहा पे॥
मेरे दिल का यार बन के॥
हमें लूटा बहार बन के॥
अब आती है याद उसकी॥
चुभता कतार बन के॥
वह नाम न बताया॥
पचान न बताया॥
आँखों में मेरे समाया॥
कुछ मैंने न समझाया ॥
खो गया कहा पे॥
मेरे दिल का यार बन के॥
Comments
Post a Comment
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर