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sanskaar

घ्णा करना हमारी सभ्यता में नही आता॥
घ्रणित व्यक्ति का निरादर करना॥
हमारे संस्कार की निशानी है॥
सही बात हमेशा सीधे बोली जाती है॥
बुरी बात बोलने के लिए समय रूक जाता है॥
पर सच्चाई कदुई लगाती है॥
पर बुरी बात कलयुग की है॥
चमचागिरी से स्टार ऊंचा हो सकता है। पर चमत्कारी नही ॥
चमचागिरी चन्द दिनों की होती है...
कर्ताव्यनिष्ट उससे बलवान होता है...

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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा