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काटी है राते..

ओ सूनी सूनी राते ओ पहली मुलाकाते॥
तुम्हे याद होगी ओ प्यारी प्यारी बातें...........................
कभी तेरी आँखों की तारीफ़ करता॥
कभी तेरे होठो पे मुस्कान भरता॥
तुम चुप चाप रहती करता मै बातें.....................
कभी तेरी चुनरी का पल्लू पकड़ता॥
कभी रात तेरे संग संग चलता॥
तुम पूछ लेती थी छोटी छोटी बातें॥
कभी रूठती तुम मनाया मै करता
कभी तेरे हुस्नो की तारीफ करता॥
हमने तेरी यादो में काटी है राते..

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा