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ऐसा होता है॥

भीनी-भीनी खुशबू लेकर॥
सपनो में मेरे संग सोता है॥
१६साल की उम्र में जाने ॥
क्यो दिल में हलचल होता है॥
मन में मेरे बस जाता है..
मै दीप जलाती नाम का उसके॥
दर्द समझता मेरा वह है॥
खुश हो जाती मिलकर जिससे॥
वही मेरा गिरधर गोविन्द है॥
वही मेरा रत्तू तोता है॥
१६साल की उम्र में जाने क्यो॥
ऐसा होता है॥

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा