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एक दिन ऐसा आयेगा॥

एक दिन ऐसा आयेगा॥
नदिया नहलाएगी..मुझको॥
पवन हिलोरे देकर्के॥
आँचल में सुलायेगी ..मुझको॥
ख़ुद आकरके पुष्प पवन लता से॥
हार पिन्हाई गे मुझको॥
नभ से बादल हस करके॥
अमृत पिलायेगे मुझको॥
नई नवेली दुल्हन अर्थी॥
फ़िर अपनायेगी मुझको॥
एक दिन ऐसा आयेगा॥
नदिया नहलाएगी..मुझको॥

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गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा