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सच का सामना करने से घबडा गए नेता लोग..

मुह से अपने जब सच बोलोगे॥
अपनी पोल खुदी खोलोल गे॥
तब तो आफत आएगी ॥
हँसी उदाएगी दुनिया॥
जीवन में आग सी लग जायेगी॥
हँसी.....................
हो सकता है बीबी बच्चो से॥
तनी ताना का वार चले॥
जनता की बोली से गोली निकले॥
घर की पक्की दिवार गिरे॥
बुराई के पथ पर चलने वाले॥
क्यो सच्चाई को तौलो गे॥
नाहक में पंगा क्यो लोगे॥
काहे का सच्चाई बोलोगे॥

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केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा