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हमका गीली देखात बतोहायकुर्ती॥

हमका गीली देखात बतोहायकुर्ती॥
तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥
जब सज धज के प्रेम गलिन महंस हंस के आँख लादौलू॥
तोहरे जियरा म देखब कहा ब फुर्ती..
।तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥
पकड़ हाथ लाबी तोहरी तोहोय जाबू चितचोर॥
संग म तोहरे ऐसें नाचाबजैसे सावन म मोर॥
हरदम छिनता से बचौबयतोहाय कुर्ती॥
तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा