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हमारा समाज़ व स्त्री


आखिर क्योंसमाज़ स्त्री को हमेशा पिछले पायदान पर ही चाहता है??युक्ति-युक्ति पूर्ण आलेख पडिये ,देवेन्द्र साहू का--ओर सोचिये समाझिये----

Comments

  1. naari teri yehi kahani
    hamesha kari mard ne apni manmani

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  2. कुछ तुम करो , कुछ हम करें जानी।
    कब तक रहेगी आखिर ये मनमानी।
    यदि खप्पर-त्रिशूल ले बने रणचन्डी,
    क्या न होगी पुरुष व दुनिया को हैरानी।

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

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