Skip to main content

Loksangharsha: यहि देश कै भैया का होई ॥ आओ हम....

ङाक्टरेट से सम्मानित , शिक्षामंत्री एस .एम पटेल है।
के.के.एन.एफ़ डिग्री उनकी ,उई खींच -खाँच नाइन्थ फ़ेल है॥
यहि देश कै भैया का होईआओ हम....
आफिस मा लागत छुट्टी है,सब देख रहे है क्रिकिटिया ।
बाबू औ अफसर दूनौ मिलि, जनता कै खड़ी करैं खटिया ॥
यहि देश कै भैया का होईआओ हम....
स्वीटर बुन रही मास्टरनी , लरिकउनी गप्पे मार रही।
मास्टरनी लरिकउनी मिलिकै,विद्या कै अरथी निकार रही॥
यहि देश कै भैया का होईआओ हम....
मास्टर जी कुर्सी पर सोवैं ,लरिकै खेले गुल्ली डंडा।
खुल गवा पोल पढ़ाई कै ,जब पहुंचे इस्पिट्टर पंडा॥
यहि देश कै भैया का होईआओ हम....
जब मिला नतीजा कै कारड़,लरिकउनेव कै फूटा भंडा ।
तब बप्पा किहिन धुनाई खूब,जब देखीं सब अंडै -अंडा ॥
यहि देश कै भैया का होईआओ हम....
दै रही वजीफा गवरमिन्ट औ,पूरी खीर खियावत है।
देखै पिक्चर ,फांकै पुकार ,सब लरिका मौज उडावत है॥
यहि देश कै भैया का होईआओ हम....

-मोहम्मद जमील शास्त्री

Comments

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा