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Loksangharsha: तुझसे बेहतर तेरी अदा जाने..


जितना बढ़ चढ़ के आइना जाने॥
हुस्न क्या शै है कोई क्या जाने॥

किस की जुल्फों को छूके आई है-
महकी
महकी हुई हवा जाने

मौत किसको मिली हयात किसे-
तुझसे बेहतर तेरी अदा जाने

ऐश वालो से पूछते क्या हो-
लज्जत गम तो ये गदा जाने

यु तो रहते हो साथ साथ मगर -
कब
बिछड जाए वो खुदा जाने

किस कदर तुमसे प्यार है भगवन -
ये
मेरी अपनी आत्मा जाने

मैं वो ''राही'' हूँ जो फजले खुदा
रास्ता
सिर्फ़ प्यार का जाने


डॉक्टर
यशवीर सिंह चंदेल ''राही''

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा