गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा
बहुत उम्दा लिखा है
ReplyDeleteइसी तरह लिखते रहिये
बहुत उम्दा लिखा है
ReplyDeleteइसी तरह लिखते रहिये
kya baat hai
ReplyDeletebilkul sahi aur sateek kaha .........
ajjj khatra hiindu aatankwad se hi hai jo hindutava ke thekedar sangh ke shishore fela rahe hai..........
abe madarchodon sangh ne tumlogon ki maa ko choda hai kya
ReplyDeleteमुद्राराक्षस का इन्टरव्यू पढा.
ReplyDeleteसठियाए हुए घोर प्रतिक्रियावादी बुद्धिजीवी ऐसी बाते करते रहे हैं और करते रहेंगें. ग़नीमत यही है कि इन को मानने वाले बहुत कम हैं.