गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा
teri maa ki chut saale har baat m muslim ! bbehanchud
ReplyDeletesss????????
ReplyDeleteगाली देने से कुछ नहीं होगा जनाब ! और हाँ चुनाव के नतीजे आ गए और मुस्लिम मतदाता क्या सोचते है ये भी बता गए ....
ReplyDelete