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मैं वापस आ गया.....!!!!

प्रिये पाठको और दोस्तों,

मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है की मैं वापस अपने ब्लॉग पर आ गया हूँ, काफ़ी कोशिश की अपने आपको अपने कंप्यूटर और अपने ब्लॉग से दूर रखने की लेकिन नाकामयाब रहा, इस बीच कोई पोस्ट तो नहीं लिखी लेकिन हाँ टिप्पणी ज़रूर करता रहा....

अब मैं वापस आ गया हूँ बहुत जल्द आपको मेरी पोस्ट पढने को मिलेगी आगे पढ़ें ....

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हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा