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पानी की कमी --एक छप्पय -छंद

सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ
छप्पय
आयेगी वह सदी जब , जल कारण हों युद्ध ,
सदियों पहले भी हुए , जल के कारण युद्ध
उन्नत मानव हुआ ,प्रकृति -सह भाव बनाया ,
कुए ,बावडी ,ताल बने ,जन मन हरषाया ।
निज हित में जो नाश प्रकृति का मनुज करता नहीं ,
जल कारण फ़िर युद्ध !यह बात सोच सकता कहीं ॥

Comments

  1. बहुत बढ़िया लिखा है आपने!

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  2. बहुत बढ़िया लिखा है आपने

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  3. bahut bagiya likha hai aapne

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

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